यह उनकी ताक़त का इम्तिहान है
अब तो दिल से निकाल फेंकेंगे तभी दम लेंगे
kharochen भर रह जाएँगी
नामोनिशान मिट जाएंगे
गर कुछ पुराने दाग होंगे
साथ में छिल जायेंगे
ज़ख्मों का क्या है सिल जायेंगे
दर्द से ही जी लेंगे
खुशबुएँ बदन से आएँगी भी उनकी कभी
तो साँस पर काबू करेंगे, रोक लेंगे
आहटों को गुजरने देंगे रास्तों से, बेपरवाह
पहचाने भी तो raundte से चल देंगे
यह उनकी ताक़त का इम्तिहान है
अब तो दिल से निकाल फेंकेंगे तभी दम लेंगे
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